महंगाई -
दोस्तों आज महंगाई हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई हैं
इसके चलते गरीब से लेकर मध्यम वर्ग के परिवारों का जीवन अस्त - व्यस्त हो गया हैं उन्हें खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही हैं
आज हर समान का दाम आसमान छु रहा हैं कभी वक्त ऐसा था की मुठी भर पैसे में थैला भर कर समान आता था , आज वक्त ऐसा हैं की थैले भर पैसे में मुठी भर समान आता हैं
ये कैसी बला हैं जिसने पूरी दुनिया पर अपना आतंक मचा रखा हैं
आज आतंकवाद से ज्यादा आतंक महंगाई का हैं
आज आतंकवाद से ज्यादा लोग महंगाई से डरते हैं
महंगाई लोगो को तिल तिल ( तड़पा - तड़पा ) कर मार रही हैं
आज जब संसद में बजट पेश होता हैं तो पूरा देश अपनी साँसे रोक अपनी नजर , कान और अपन पुरा ध्यान संसद के बजट पर लगा देता हैं
उसका सोचना ये होता हैं की
अब महंगाई अपना कौन सा कहर बरपाएगी ?
अब महंगाई हमारे जीवन को और कितना बर्बाद करेंगी ?
आज तक प्राकृतक आपदा से इतने लोग तबाह और बर्बाद नहीं हुए जितना लोग अब महंगाई से तबाह और बर्बाद हो रहे हैं
दोस्तों सवाल ये उठता हैं की आखिर क्या हैं ये महंगाई?
क्या ये कोई प्राकृतिक आपदा हैं ?
क्या ये आतंकवाद की देंन हैं ?
क्या ये सरकार की देन हैं ?
क्या ये दुश्मन देश की चाल हैं?
आखिर क्या हैं महंगाई - जानने के लिए पड़े हमारा कल का अंक "आखिर क्या हैं महंगाई?"
दोस्तों आज महंगाई हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आई हैं
इसके चलते गरीब से लेकर मध्यम वर्ग के परिवारों का जीवन अस्त - व्यस्त हो गया हैं उन्हें खाने के लिए दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही हैं
आज हर समान का दाम आसमान छु रहा हैं कभी वक्त ऐसा था की मुठी भर पैसे में थैला भर कर समान आता था , आज वक्त ऐसा हैं की थैले भर पैसे में मुठी भर समान आता हैं
ये कैसी बला हैं जिसने पूरी दुनिया पर अपना आतंक मचा रखा हैं
आज आतंकवाद से ज्यादा आतंक महंगाई का हैं
आज आतंकवाद से ज्यादा लोग महंगाई से डरते हैं
महंगाई लोगो को तिल तिल ( तड़पा - तड़पा ) कर मार रही हैं
आज जब संसद में बजट पेश होता हैं तो पूरा देश अपनी साँसे रोक अपनी नजर , कान और अपन पुरा ध्यान संसद के बजट पर लगा देता हैं
उसका सोचना ये होता हैं की
अब महंगाई अपना कौन सा कहर बरपाएगी ?
अब महंगाई हमारे जीवन को और कितना बर्बाद करेंगी ?
आज तक प्राकृतक आपदा से इतने लोग तबाह और बर्बाद नहीं हुए जितना लोग अब महंगाई से तबाह और बर्बाद हो रहे हैं
दोस्तों सवाल ये उठता हैं की आखिर क्या हैं ये महंगाई?
क्या ये कोई प्राकृतिक आपदा हैं ?
क्या ये आतंकवाद की देंन हैं ?
क्या ये सरकार की देन हैं ?
क्या ये दुश्मन देश की चाल हैं?
आखिर क्या हैं महंगाई - जानने के लिए पड़े हमारा कल का अंक "आखिर क्या हैं महंगाई?"