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आखिर क्या हैं महंगाई?

महंगाई - महंगाई एक अभिशाप हैं पूरी दुनिया के लिए

महंगाई एक ऐसी महामारी हैं जो किसी के जात, धर्म , शहर , राज्य या देश पुछ कर नहीं सताती, बल्कि ये सभी को बराबर रूप से परेशान करती हैं

महंगाई को कोई व्यक्ति, समाज या देश लेकर नहीं आया , और न ही ये आतंकवाद की देंन हैं

ये जन्मी हैं हमारे अंदर के लालचो की वजह से हम में से कुछ लोगो के स्वार्थ की वजह से और आज इसने अपना पकड इतनी मजबूत कर ली हैं की इसे मिटाना या खतम करने के बारे में सोचना भी हम लोगो को असंभव लगता हैं हम लोग मज़बूरी का जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं इसकी वजह से

हमारी सोच के अनुसार " दिन प्रति दिन कीमतों में हो रही बढोतरी हैं महंगाई" और इसके लिए जिम्मेदार हैं सरकार

लेकिन ये पूरा सच नहीं हैं "दिन प्रति दिन कीमतों में हो रही बढोतरी महंगाई का असर हैं महंगाई नहीं " और इसके जिम्मेदार केवल सरकार ही नहीं हम भी हैं

क्योकि जब तक हम अयोग्य सरकार चुनते रहेगे तब तक हमारे साथ ऐसा होता ही रहेगा

इसके लिए केवल हम, आप और सरकार ही नहीं बल्कि एक सिस्टम भी जिम्मेदार हैं जिसे परंपरागत बिजनेस प्रणाली कहते हैं, यानी व्यापार का वह तरीका जो अभी तक हमारे देश में चलता आया हैं और चल रहा हैं

इसके बारे में अधिक जानकारी आपको हमारे इस विडियो में मिलेगी





हड़ताल करने से, तोड़ फोड करने से , आगजनी और पथराव करने से , सरकारी सम्पतियों को बर्बाद करने से किसी भी समस्या का हल नहीं निकलता बल्कि एक और नयी समस्या उभर कर सामने आ जाती हैं तो मेरा आप लोगो से निवेदन हैं की इस प्रकार की गतिविधियों में सामिल न हो ये आपका पुरे देश के विकास में क्रन्तिकारी सहयोग होगा

दोस्तों हमारे देश में भले ही लाख प्राकृतिक आपदाए आ रही हो, हमारे देश के खेतो की फसल नष्ट हो रही हो फिर हमारे देश में इतना अनाज हैं की पुरे देश को आधी कीमत पर दिया जा सकता हैं

फिर भी महंगाई सुरसा की मुह की तरह दिन प्रति दिन बदते ही जा रही हैं

हम चाहे तो महंगाई को पूर्ण रूप से खतम कर सकते हैं

क्या आप महंगाई को पूर्ण रूप से खतम करना चाहते हैं ?

तो आपको कुछ काम करने पड़ेगे वो हैं

१) उसके लिए हमें पहले अपने सोचने के तरीको को बदलना होगा

२) उसके लिए हमें एक होना होगा

३) उसके लिए हमें आने वाले चुनाव में सही उमीदवार को चुनना होगा

४) उसके लिए हमें अपनी खरीदारी के तरीको को बदलना होगा

इन सब से पहले आप को ये जानना होगा की महंगाई क्यों और कैसे बढ़ रही हैं?

ये जानने के लिए पड़े हमारा कल का अंक

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